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वसुध्दैव कुटुम्बकम् कहा से लिया गया है

वसुध्दैव कुटुम्बकम् भारत के सर्वप्राचीन धर्मग्रंथ वेद से लिया गया है जिसके संकलन कर्ता महर्षि कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास जी हैं

ऋग्वेद किसे कहते हैं

ऋचाओ के कर्मबध्द ज्ञान के संग्रह को ऋग्वेद कहते हैं। तथा इसे पढ़ने वाले ऋषि को होतृ कहते हैं। इसमें १० मंडल १०२८ सुक्त एवं १०४६२ ऋचाएं हैं।